अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, स्लोगन व नारे 2021

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, महत्व, भाषण स्पीच 2021 विषय, स्लोगन व नारे (International Women’s Day, Quotes, Slogan, theme in hindi)
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर शैक्षणिक संस्था, शासकीय विभाग और सामाजिक संस्थाओं द्वारा उल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन जब इस मुद्दे पर गहन चिंतन किया जाए, तो मन में एक सवाल उठता है कि, आखिर ऐसी क्या दिक्कत थी, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं को सम्मान देने के लिए एक दिन की घोषणा करनी पड़ी? क्या इसका उद्देश्य शुरुआत से ही केवल महिलाओं को सम्मान देना था, या उन्होंने अपनी परेशानियों से तंग आकार आक्रोश में इस दिन को मनाना शुरू किया? क्या भारत की ही तरह संपूर्ण विश्व में भी महिलाओं को अपने अधिकार अपने सम्मान को पाने के लिए भीषण चुनौतियों का सामना करना पड़ा ? आज हम अपने इस लेख के जरिए इन सभी सवालों का जवाब देने और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी देने का प्रयास करेंगे, आशा करते है कि, हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए बेहद ही उपयोगी साबित होगी.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास और क्यों मनाया जाता है? (History of International Women’s Day)-
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत साल 1908 में न्यूयॉर्क शहर से हुई थी, उन दिनों यहां मौजूद महिलाओं ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर कार्य के दौरान समय कटौती किए जाने की मांग को लेकर एक पैदल मार्च था. इस दौरान महिलाओं ने अपने वेतन (पारिश्रमिक) बढ़ाने और वोट डालने के अधिकार की भी मांग की थी. आक्रोश आंदोलन के एक साल बाद अमेरिका में इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस के रुप में घोषित किया गया.
जिसके बाद सन् 1910 में क्लारा जेटकिन ने नौकरी पेशा महिलाओं के एक अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान इस दिन को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का सुझाव दिया. इस सम्मेलन में 17 देशों से 12 दर्जन कामकाजी महिलाएं उपस्थित थी, इन सभी महिलाओं ने क्लेरा जेटकिन के सुझाव का स्वागत करते हुए समर्थन किया. जिसके बाद सन् 1911 में सबसे पहले 19 मार्च के दिन कई देशों में यह दिन एक साथ मनाया गया. इस तरह से यह प्रथम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस था. परेशानी यह थी कि, इसे मनाए जाने का कोई दिन निश्चित नहीं था.
कोई निश्वित तिथि निर्धारित नहीं होने के बाद हुआ कुछ यूं कि, साल 1917 में प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने तंग आकर खाना और शांति (ब्रेड एंड पीस) के लिए आक्रोशित रुप में विरोध प्रदर्शन दर्ज कराया. इसका असर इतना प्रभावशाली रहा कि, सम्राट निकोस को अपना पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. मजबूरी वश निकोस ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार की अनुमति दे दी.रूसी महिलाओं ने जिस दिन इस हड़ताल कि शुरुआत की थी, वह दिन 28 फरवरी था और ग्रेगेरियन केलेण्डर में यह दिन 8 मार्च था, जिसके बाद से ही 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा. इतने विरोध प्रदर्शन के बाद आधिकारिक मान्यता साल 1975 में मिली, इसी साल से संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे एक थीम के साथ मनाने का निर्णय लिया गया था. साल 1975 में सबसे पहली थीम “सेलीब्रेटिंग द पास्ट एंड प्लानिंग फॉर द फ्युचर” थी.
महिला दिवस का उद्देश्य (Objective of Women’s Day) -
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने के उद्देश्य बदलते दौर के साथ महिलाओं की समाज में स्थिति बदलने का प्रयास करना था. शुरुआत में जब 19वीं शताब्दी में इसकी शुरुआत की गई थी, तब महिलाओं ने मतदान का अधिकार प्राप्त किया था, परंतु अब समय परिवर्तन के साथ इसके उद्देश्य इस प्रकार है-
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2021 (International Women’s Day 2021)
- महिला दिवस मनाने का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य महिला और पुरुषो में समानता बनाए रखना है.
- आज भी विश्व में कई जगहें ऐसी है, जहां महिलाओं को समानता का अधिकार उपलब्ध नहीं हो सका है. फिर चाहे वह नौकरी हो या किसी प्रकार का समाज प्रधान पद.
- कई देशों में अब भी महिलाएं शिक्षा और स्वास्थ्य की दृष्टि से पिछड़ी हुई है.
- महिला दिवस मनाने का एक उद्देश्य महिलाओं को इस दिशा में जागरूक कर उन्हे भविष्य में प्रगति के लिए तैयार करना भी है.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस थीम (Women’s Day Theme)
यदि हम साल 1911 में जब इस दिन को सैकड़ों देशों में एक साथ मनाया गया था, तब से लेकर साल 2021 तक गिनती लगाए, तो साल 2021 में यह 110 वां महिला दिवस होगा, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाएगा. यह दिन पूरे विश्व में एक साथ 8 मार्च 2021 को भिन्न-भिन्न प्रकार के सम्मान समारोह आयोजित कर मनाया जाएगा.
साल 1996 से लगातार महिला दिवस किसी ना किसी विशेष और पूर्व से निश्चित थीम के साथ ही मनाया जाता आ रहा है, सबसे पहले साल 1996 में इसकी थीम अतीत का जश्न और भविष्य के लिए योजना है. जिसके बाद से हर साल एक नई थीम और नए उद्देश्य के साथ इसे दुनिया के करीब-करीब सभी देश इसे एक साथ मनाते आ रहें है. पिछले एक दशक की बात करें तो महिला दिवस की थीम्स इस प्रकार थी -
अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस स्लोगन नारे (International Women’s Day Slogan)
2009
इस वर्ष की महिला दिवस की थीम महिला व लड़कियों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों के विरूध्द महिला व पुरुष एक साथ मिलकर प्रयत्न करें, इस मुद्दे पर विचार किया गया था
2010
इस वर्ष महिलाओं को पुरुषो के समान अधिकार और समान अवसर प्रदान कर उनकी तरक्की की और ध्यान केन्द्रित किया गया था
2011
इस वर्ष शिक्षा, प्रशिक्षण एवं विज्ञान और प्रोद्योगिकी आदि क्षेत्रों में महिलाओं को समान अधिकार देकर इन क्षेत्रों में इनकी तरक्की का मार्ग खोला गया था
2012
इस वर्ष गाँव की महिलाओं को समान अवसर देकर उन्हे सशक्त बनाने का प्रयास किया गया था, साथ ही गरीबी और भुखमरी जैसी समस्या पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया था
2013
इस वर्ष महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए कार्यवाही के समय को निश्चित करने की मांग की गई थी
2014
इस वर्ष नारी के लिए समानता और उनकी तरक्की ही इस दिन का विषय था
2015
इस वर्ष महिलाओं की तरक्की से समस्त मानव जाती की तरक्की को जोड़ा गया था
2016
इस वर्ष आने वाले आगामी 12 सालों में महिला व पुरुष का अनुपात बराबर करने का निर्णय लिया गया था
2017
इस वर्ष बदलती दुनिया में महिलाओं की स्थिति के साथ आगामी सालों में लिंग अनुपात को बराबर करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया था
2018
इस वर्ष की थीम का उद्देश्य महिलाओं को उनके विकास के लिए प्रोत्साहित करना था
2019
थिंक इक्वल, बिल्ड स्मार्ट, इनोवेट फॉर चेंज
साल 2019 में भी इस दिन के लिए तैयारियां शुरू हो गई है. साल 2019 में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम थिंक इक्वल, बिल्ड स्मार्ट, इनोवेट फॉर चेंज है. जिसका उद्देश्य समाज में एक नई सोच के साथ लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों की ओर लोगों का ध्यान आकृर्षित करना था.
नारी में प्रकृति ने दी है शक्ति सारी,
अपमान न करो इसका कह कर बेचारी.
नारी तुम केवल श्रद्धा हो, विश्वास रजत नग पग तल में,
पीयूष स्रोत सी बहा करो, जीवन के सुंदर समतल में.
जयशंकर प्रसाद
अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस से संबंधित प्रश्न उत्तर
महिलाओं को दे पूरी शिक्षा पूरा अधिकार,
परिवार, समाज और देश का है यह आधार.
प्रश्न : अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस भाषण (International women’s day Speech) प्रश्न : अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस अनमोल वचन (International Women’s Day Quote)
महिलाओं को शिक्षित बनाएं,
परिवार और देश का नाम बढायें.
अब अबला नहीं रही नारी,
सबला बनने की कहानी हैं जारी.
उत्तर: के देश जैसे- अफगानिस्तान, चीन, कंबोडिया, नेपाल और जार्जिया में इस दिन शासन की ओर से अवकाश घोषित किया गया है, वहीं अन्य देशों में पूरे दिन का अवकाश ना देकर आधे दिन का अवकाश दिया जाता है. भारत जैसे देश में इस दिन बच्चे अपनी माँ को उपहार भेंट करते हैं. स्कूली बच्चे इस दिन को माँ को समर्पित मानते हैं, तो कई देशों में इस दिन पुरुष अपनी पत्नी, फ़्रेंड्स, माँ बहनों आदि को उपहार स्वरूप फूल प्रदान करते है. भारत वर्ष में 8 मार्च को कई संस्थानों द्वारा नारी को सम्मान देकर प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम किए जाते है.
उत्तर : नारी, यह कोई समान्य शब्द नहीं बल्कि एक ऐसा सम्मान हैं जिसे देवत्व प्राप्त हैं. इनका स्थान वैदिक काल से ही देव तुल्य हैं इसलिए नारियों की तुलना देवी देवताओं और भगवान से की जाती हैं. जब भी घर में बेटी का जन्म होता हैं, तब यही कहा जाता हैं कि घर में लक्ष्मी आई हैं. जब घर में नव विवाहित बहु आती हैं, तब भी उसकी तुलना लक्ष्मी के आगमन से की जाती हैं . क्या कभी आपने कभी सुना हैं बेटे के जन्म कर ऐसी तुलना की गई हो ? कि घर में कुबेर आये हैं या विष्णु का जन्म हुआ हैं, नहीं. यह सम्मान केवल नारी को प्राप्त हैं जो कि वेदों पुराणों से चला आ रहा हैं जिसे आज के समाज ने नारी को वह सम्मान नहीं दिया जो जन्म जन्मान्तर से नारियों को प्राप्त हैं.
- अगर एक आदमी को शिक्षित किया जाता हैं तब एक आदमी ही शिक्षित होता हैं लेकिन जब एक औरत को शिक्षित किया जाता हैं तब एक पीढ़ी शिक्षित होती हैं .- ब्रिघैम यंग
- औरत ही समाज की वास्तविक शिल्पकार हैं- चेर
- नारि प्रेम करने के लिए हैं समझने की वस्तु नहीं .-आस्कर वाइल्ड
- जब एक आदमी औरत से प्यार करता हैं उसे अपनी जिंदगी का एक हिस्सा देता हैं लेकिन एक औरत जब प्यार करती हैं तब अपना सब कुछ दे देती हैं -आस्कर वाइल्ड
- किसी भी सभ्यता का आंकलन औरतो के व्यवहार से किया जा सकता हैं .- राल्फ वाल्डो एमर्सन
- आदमी अपनी नियति को सम्भाल नहीं सकते हैं उनके लिए यह कार्य उनके जीवन से जुड़ी औरत करती हैं .- ग्रुशो मार्क्स
- किसी भी समाज की उन्नति उस समाज की औरतों की उन्नति से मापी जा सकती हैं .- बी. आर. अम्बेडकर
- कोई भी राष्ट्र उन्नति के शिखर पर नहीं पहुँच सकता जब तक कि उस राष्ट्र में महिलाओं को समान अधिकार ना प्राप्त हो .- मोहम्मद अली जिन्ना
- महिलायें कमाल होती हैं वह अपने चेहरे पर मुस्कान का मुखोटा पहने यह दिखाती हैं कि सब कुछ ठीक हैं पर वास्तविक्ता में उसके कन्धो पर दुनियाँ का बोझ हैं और उसका जीवन उसकी उँगलियों से पटाखों की तरह फिसल रहा हैं .
यह अनमोल वचन महिलाओं के लिए कई महानतम लोगों द्वारा समाज में जन जागरूकता लाने के लिए कहे हैं .दुनियाँ के महान लोग भी नारि शक्ति को मानते आये हैं उनका सम्मान करते आये.
इसे भी पढ़े : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर स्लोगन
Originally published at https://newsmug.in on March 6, 2021.